दिल्ली। आज विश्व हिंदू परिषद और राजस्थान के संत समाज समेत देश के कई हिस्सो में हिन्दू महासभाई आचार्य धर्मेंद्र जी महाराज के निधन से शोक की लहर है। 80 वर्षीय आचार्य धर्मेंद्र का देवलोकगमन हो गया है । बीमारी के कारण वह करीब 20 दिन से जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती थे. जहां अस्पताल के मेडिकल आईसीयू में वह उपचाराधीन थे।
गौरतलब है कि आचार्य धर्मेंद्र के स्वास्थ्य के बारे में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी जानकारी ली थी। इसके अलावा राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सहित कई आला नेता भी लगातार उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे थे।
एक सच्चे हिन्दू मह्सभाई थे आचार्य धर्मेन्द्र
अखिल भारत हिन्दू महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य रमेश चन्द्र मिश्र जी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि 80 के दशक में हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय नेता के रूप में आचार्य धर्मेंद्र ने हिन्दुओं की रक्षा के लिए अनेक आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । उनके निधन से हिन्दू समाज की अपूरणीय क्षति हुई है । श्रीपंचखण्ड पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी धर्मेंद्र महाराज सनातन धर्म के अद्वितीय व्याख्याकार, प्रखर वक्ता और ओजस्वी वाणी के रामानंदी संत थे, विश्व हिंदी परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल में शामिल रहे,1965 के गोहत्या बंद करवाने के आंदोलन के नेतृत्व कर्ता थे, आचार्य महाराज का पूरा जीवन हिंदी, हिंदुत्व और हिन्दुस्थान के उत्कर्ष के लिए समर्पित रहा है।
गौ महासभा के संस्थापक चेयरमैन पं आचार्य अजय गौतम ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आचार्य धर्मेन्द्र जी का सम्पुर्ण जीवन हिन्दू राष्ट्र के एक क्रांतिकारी धर्म योद्धा के रूप में जाना जाएगा. 1966 के गोरक्षा आंदोलन में, श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में और कई जनजागरण यात्राओं में आचार्य का अहम योगदान रहा है । आचार्य धर्मेंद्र गृहस्थ होते हुए भी उन्हें साधू संतों के समान आदर और सम्मान प्राप्त था।
श्रीमद जगद्गुरु शारदा सर्वज्ञ पीठ कश्मीर के महामंत्री विश्व हिन्दू पीठाधीश्वर आचार्य मदन ने दिवंगत नेता के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुआ कहा कि आचार्य धर्मेन्द्र जी एक महान तपस्वी हिन्दू संत पं रामचंद्र वीर के सुपुत्र थे, जिन्होंने अपने पिता की भांति हिन्दू हित में अपना जीवन व्यतीत किया. बाद में हिन्दू महासभा को छोड़कर वे विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय नेता के रूप में हिन्दू आन्दोलन में सक्रिय रहे।
एक संस्मरण को याद करते हुए आचार्य मदन ने बताया कि पञ्च खण्ड पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेन्द्र जी महाराज 1996 में स्वातंत्र्य वीर सावरकर को समर्पित समारिका 'सावरकर सौरभ' के विमोचन में वे हिन्दू महासभा भवन पधारे थे. उस कार्यक्रम में गौ रक्षक पीठाधीश्वर महंत अवैद्य नाथ जी महाराज भी मुख्य अध्यक्ष के रूप में उपस्थित थे । श्री राम जन्मभूमि मंदिर आन्दोलन के समय उनकी लोकप्रियता इतनी थी कि आचार्य धर्मेन्द्र जी को देखने और सुनने के लिए दिल्ली स्थित हिन्दू महासभा का केन्द्रीय सभागार खचाखच भर गया था । उनके द्वारा हिन्दू महासभा में अपने अनुभवों को याद करके वे बहुत ही भाव विभोर हो गए थे।
हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने श्रद्धा सुमन व्यक्त करते हुए कहा कि आचार्य धर्मेन्द्र जी महाराज हिन्दुओं के प्रेरणा स्रोत थे । उनको सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि श्री राम जन्म भूमि की तरह शेष हिन्दुओं के मंदिर जिन पर अधर्मियों ने अपने भवन खड़े कर दिए हैं , उन्हें मुक्त कराने का अभियान तीव्र तरीके से चलाया जाए । हिन्दू सेना उन धर्म स्थलों को मुक्त कराने के लिए व्यापक योजना बना चुकी है ।