नई दिल्ली। भारत के मुसलमान इस बात को लेकर परेशान हैं कि बाबर से लेकर औरंगजेब तक मंदिर विध्वंस की कहानी उनको एक लुटेरी कौम के रूप में उद्घाटित कर रही है। इस विषय में हिंदू महासभा के उच्च अधिकार समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हिंदू डिफेंस लीग के राष्ट्रीय महामंत्री आचार्य मदन ने कहा कि "भारत के अधिकांश मुसलमानों ने अपने हिंदू पहचान को कहना शुरू कर दिया है कि दो, तीन सात पीढ़ी पूर्व उनके पूर्वज हिंदू ही थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने भी अपने पूर्वजों की हिंदू पहचान मीडिया के आगे कहने शुरू कर दी"।
आचार्य मदन ने आगे बताया कि "काशी के ज्ञान व्यापी मंदिर के प्रमाण सामने आने के बाद मुस्लिम मौलवियों में एक अलग खलबली है। दूसरी तरफ सोशल मीडिया में भारत साधु समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी के अल्लाह हू अकबर, भगवान कृष्ण को और हिंदू शब्द को अपमानित करने वाले वीडियो भी सामने आ रहे हैं । यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और चिंता का विषय है कि एक भगवाधारी हिंदू नामधारी साधु जो गृहस्थ होकर महामंडलेश्वर बनकर घूम रहा है और अपने समागम में मंत्र चिकित्सा के नाम पर व्यास पीठ पर विराजमान होकर इस्लाम का प्रचार क्यों कर रहा है?"
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'हिंदू सेना' के अध्यक्ष 'विष्णु गुप्ता' ने अल्लाहू अकबर वाले वीडियो को देखकर निंदा करते हुए कहा कि "भगवा कपड़े पहन कर किसी भी हिंदू संत को ऐसा नहीं करना चाहिए जैसा कुमार स्वामी ने किया है। यदि कुमार स्वामी ने हिंदू को चोर, डाकू आदि कहने वाले अपने बयान पर माफी नहीं मांगी तो हिंदू सेना उन पर मुकदमा दर्ज करके अभियोग चलाएगी"।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्नातन धर्म और हिंदुओं को भ्रमित करने वाला यह बाबा कितनी आसानी से भक्तों से करोड़ों रुपए कमा रहा है और हिंदू धर्मगुरु शंकराचार्य आदि मौन होकर इसका तमाशा देख रहे हैं। जबकि दो-तीन साल पूर्व इस बाबा कुमार स्वामी ने शिरोमणि सभा से एक ओंकार के साथ अपनी तुलना करने पर माफी भी मांगनी पड़ी थी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से श्री गुरु रामदास डैंटल कालेज में प्रधान भाई गोबिंद सिंह लौंगोवाल की अध्यक्षता में बुलाई धर्म प्रचार कमेटी की मीटिंग में ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया गया। यह कार्रवाई अखबारों में सिख सिद्धांतों को ठेस पहुंचाने वाले विज्ञापन छपवाने पर करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में कार्रवाई करने को पंजाब पुलिस कमिश्नर को पत्र भी लिखकर आपत्ति दर्ज की।भाई लौंगोवाल ने तब बताया कि ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने जहां पवित्र गुरुबाणी और एक ईश्वर की तुलना खुद से की है, वहीं श्री गुरु ग्रंथ साहिब और दसवें पातशाह जी की बाणी का भी निरादर किया है।
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उसने श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी को हिंदू देवी-देवताओं के साथ भी जोड़ा है। इस अपमान को किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इस पर जहां कुमार स्वामी पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, वहीं पुलिस कमिश्नर को भी कार्रवाई करने को लिखा गया। तब उन्होंने कहा था कि पुलिस प्रशासन को शहर में किया जा रहा उसका समागम रोकना चाहिए। फिर जब लगा कुमार स्वामी को कि उसका समागम नहीं हो पाएगा, तब जाकर कुमार स्वामी की ओर से 5 लोगों ने आकर माफी मांगी थी।
सिखों ने तो अपना धार्मिक कर्तव्य निभाया, किंतु सनातन धर्म के धर्माचार्य और विशेष रुप से जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज जोकि भारत साधु समाज के अध्यक्ष भी हैं, वें किस कारण से इस पर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं, यह समझ पाना कठिन हो रहा है।
2014 में मोदी सरकार बनते ही जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज ने साईं पूजा को अवैध बताया था और आज भी उनके परम शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज हिंदू मंदिरों में से साईं की मूर्तियों को खदेड़ने का परम पावन कार्य कर रहे हैं। इसीलिए यह बड़ा विचारणीय विषय है की शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज कैसे इस अल्लाह मौला करने वाले और इस्लाम की वकालत करने वाले कुमार स्वामी को भारत साधु समाज में पदाधिकारी बनाए हुए हैं।
सावरकर टाइम्स के संपादक और विश्व हिंदू पीठ के महामंत्री वीर रामनाथ लूथरा ने कुमार स्वामी की अल्लाह हू अकबर वाली वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "आपको याद होगा प्रसिद्ध कथा वाचक मोरारी बापू ने अपने प्रवचन में अली मौला करना शुरू कर दिया था तो सोशल मीडिया में उनको काफी कड़ी आलोचना सहन करनी पड़ी उसके बाद उन्होंने इस पर आंसू बहाते हुए एक माफीनामा वीडियो भी जारी किया था। वही हाल इस कुमार स्वामी का होना चाहिए हिंदू जनता को ऐसे नमाज की वकालत करने वाले और खुद अपनी बीवी से इस्लामिक रीति से निकाह करने वाले कुमार स्वामी का धार्मिक बहिष्कार होना चाहिए नहीं तो वे हिंदू जनता से माफी मांगे!"
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ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी अपने समागम में भक्तों को कह रहे हैं, "अल्लाह से बड़ा कोई नहीं है। राम और कृष्ण भी बड़े नहीं है। उपस्थित भक्तों को समझा रहे हैं कि जो सारी कायनात में मौजूद है और जिसके अंदर सारी कायनात मौजूद है, उसका नाम अल्लाह है। यदि आप कुरान ए पाक को पढ़ेंगे तो आप सारी हदों से पार हो जाएंगे, हद से पार हो जाएंगे। सुख का पता चलेगा। ग्रेट का अर्थ होता है बड़ा। कोई कहता है फलां ग्रेट, राम ग्रेट , कोई ग्रेट नहीं है, एक ही ग्रेट है खुदा। अल्लाह हू अकबर बोल कर तो देखो"।
इसी वीडियो में भगवा वस्त्रधारी बाबा व्यास पीठ पर बैठकर हिंदुओं को समझा रहे हैं कि "तुम मस्जिद को देख कर भी सजदा नहीं करते, झुकता ही नहीं है सिर तुम्हारा, जैसे कोई वास्ता ही नहीं है मस्जिद से। मैं मस्जिद भी जाता हूं नमाज भी पढ़ता हूं बोलो अल्लाह हू अकबर बोलो अल्लाह हू अकबर"
इस वीडियो को देखने के बाद सोचना पड़ेगा कि क्या भविष्य है हिंदुओं का ? और हमारे धर्म गुरु शंकराचार्य आदि इस बाबा की हरकत के बाद चुप क्यों है? अखाड़ा परिषद क्यों नहीं इस पर कार्यवाही करता है?
इस बाबा कुमार स्वामी का असली नाम के के नागपाल है।
इस वीडियो को देखने के बाद आप हैरान हो जाएंगे की बहू चर्चित महाभारत सीरियल में अर्जुन की भूमिका निभाने वाले एक मुस्लिम कलाकार फिरोज खान हिंदू धर्म और गीता से प्रभावित होकर अपना नाम अर्जुन ही रख लिया था। अनेक सार्वजनिक मंचो में वह हिंदू नाम अर्जुन के साथ प्रस्तुत होता आया है किंतु इस वीडियो में ना केवल कुमार स्वामी ने इस्लामिक रीति से अपना निकाह पढ़ा बल्कि हिंदू नाम से प्रचलित अर्जुन को अपने निकाह के लिए काजी भी बना दिया। इससे आप अंदाजा लगाएं इस बाबा की मानसिकता क्या है ?
इस वीडियो में यह अपने चेले से कह रहा है कि बताओ भगवान कृष्ण ने कौन सा अच्छा काम किया है जीवन में हर समय वह लोगों को लड़ बता रहा है भगवान कृष्ण के लिए अपमानजनक शब्दों का यह व्यक्ति लगातार प्रयोग कर रहा है। यहां तक यह बाबा लोगों को समझा रहा है कि अर्जुन राजपाट नहीं चाहता था और दुर्योधन भी राजपाट नहीं चाहता था। दोनों समझौता करने वाले थे लेकिन कृष्ण के कहने पर वह दोनों युद्ध करने लगे!
अब भगवान कृष्ण के अनुयाई ही इस बाबा को सद्बुद्धि प्रदान करें !
एक वीडियो में यह बाबा हिंदू शब्द की ऐसी व्याख्या कर रहा है जिसे सुनकर किसी भी हिंदू का खून खोल सकता है इस ने बताया कि हिंदू का अर्थ चोर, डाकू, लुटेरा होता है। देखिए यह वीडियो
हिंदू शौर्य हिंदू संस्कृति का पूरा इतिहास है यह बाबा 100 करोड़ हिंदुओं को नीचा दिखाने की दृष्टि से विदेशी संदर्भ का प्रयोग करते हुए यह बात कह रहा है जिसका अर्थ यही निकलता है कि सभी हिंदू गर्व से अपने को हिंदू ना कहें क्योंकि चोर डाकू डकैत कहने में कैसा गर्व?
अब विश्व हिंदू परिषद या हिंदू सेना जैसे संगठनों के पदाधिकारियों को भी इसका जवाब देना होगा कि क्या हिंदू का अर्थ चोर डाकू है? क्या यह बाबा सही कह रहा है या इस बाबा कुमार स्वामी को हिंदू का सही पाठ पढ़ाने की आवश्यकता है?
गौ महासभा के चेयरमैन पंडित आचार्य अजय गौतम जी ने बताया कि गौ महासभा की ओर से कुमार स्वामी व 4 अन्य लोगों को कुमार स्वामी के हिंदू विरोधी, धर्म विरोधी और ब्राह्मण विरोधी बयानों पर एक लीगल नोटिस भेजा गया है जिस पर जवाब अभी तक नहीं आया है इसलिए शीघ्र ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
पाठकों को जानकारी हो कि अभी हाल ही में इस बाबा का एक जवान बेटा अल्पायु में किसी बीमारी से चल बसा है। जोकि एक राष्ट्रीय चैनल में कुमार स्वामी ने यह दावा किया कि 30 करोड़ लोग उनकी मंत्र चिकित्सा से ठीक हो गए। यह बाबा दुनिया भर में रोगों का इलाज करने के लिए मंत्र बांटता रहता है। वह मंत्र क्या इसके जवान पुत्र को बचा पाए ? नहीं! तो आप पाठक विचार करें यह बाबा वास्तव में ढोंगी है या कुछ चमत्कारी है?
गौ महासभा के द्वारा भेजे गए लीगल नोटिस में प्रस्तुत विषय से ऐसा जानकारी में आया है कि कुमार स्वामी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को तस्वीर भेंट करते हुए जो फोटो खिंचाई थी उसका दुरुपयोग कर जनता को यह बताया कि राष्ट्रपति ने मुझसे दीक्षा और ब्रह्मांड अवार्ड की उपाधि ली है। जबकि राष्ट्रपति कार्यालय ने इसका स्पष्ट खंडन किया कि ऐसा कोई अवार्ड नहीं लिया गया है। संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति को कोई सम्मानित नहीं कर सकता है, बल्कि सर्वोच्च शक्ति रखने वाले राष्ट्रपति ही सबको सम्मानित कर सकेंगे, किंतु कुमार स्वामी ने अपनी मार्केटिंग करने के लिए यह प्रपंच किया। ऐसा ही हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की लिए भी कुमार स्वामी ने प्रचारित किया था कि मुख्यमंत्री ने उनसे मंत्र दीक्षा ली है, जबकि दोनों ही का कार्यालयों से सूचना प्राप्त करने पर जानकारी हुई कि यह सब मनगढ़ंत प्रचार है।
ब्राह्मणों की निंदा करने वाला हिंदू शब्द को अपमानित करने वाला राम को ग्रेट ना बता कर खुदा को ग्रेट बताने वाला और भक्तों को अल्लाह हू अकबर का जाप कराने वाला यह बाबा हिंदू संत नहीं हो सकता है। यदि किसी को कुमार स्वामी द्वारा दिए गए खुद के वक्तव्य को यहां प्रकाशित करने में कोई आपत्ति हो तो दिल्ली न्यायालय क्षेत्र में उसका स्वागत है।