उन्हों ने याद दिलाया कि "पूर्व सेना अध्यक्ष श्रीमान एम एम नरवाने ने दावा किया था कि सरकार आदेश करें तो भारतीय सेना पाक अधिकृत कश्मीर को मुक्त कराने में सक्षम है किंतु भारत सरकार ने इस पर एक्शन नहीं लिया वर्तमान भारतीय थल सेना अध्यक्ष श्री मनोज पांडे से आशा की जानी चाहिए कि वह भारतीय सेना को इतना सक्षम करने में सफल हो कि 1947 के समय छल पूर्वक किए गए भारत के बंटवारे में सम्मिलित भारतीय जमीन को फिर से अखंड भारत के राजनीतिक मानचित्र में सम्मिलित हो।"
इस अवसर पर हिंदू महासभा के वयोवृद्ध नेता पंडित अशोक शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि "पंडित नाथूराम गोडसे और नाना नारायण आप्टे दोनों ही सशस्त्र क्रांति की विचारधारा को मानने वाले थे। स्वातंत्र्य वीर सावरकर की प्रेरणा से उन्होंने देश का बंटवारा करने वाले और भारत की जमीन पर आक्रमणकारी अरब के मलेच्छों का शासन स्थापित करने वाले देशद्रोही गांधी को यमलोक पहुंचाया था।
उन्हों ने आगे बताया कि "सावरकर की विचारधारा के कारण ही भारतीय सेना आज विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेना बन चुकी है। गांधी की अहिंसा की नकली नीति पर यदि चलते तो भारत विश्व के नक्शे से मिट जाता, गोडसे द्वारा गांधी के वध के बाद नकली अहिंसा की नीति का भी अंत हो गया था। भारतीय सेना ने 1948 तक दो तिहाई कश्मीर मुक्त करा लिया था और पाकिस्तान के साथ 1965, 1971 और 1998 के युद्ध में भी सफलता प्राप्त की थी। आज की मजबूत भारतीय सेना वीर सावरकर और नाथूराम गोडसे के दूरदृष्टि का ही परिणाम है।
इस अवसर पर 'हिंदू डिफेंस लीग' के राष्ट्रीय अध्यक्ष निशांत जिंदल ने बताया कि सही जानकारी के आभाव में और कुछ राजनैतिक कारण के चलते गोडसे जी से जुड़े तथ्यों को या तो मोड़-तरोड के बताया गया है नहीं तो कोरा झूट बता कर गोडसे जी कि पावन छवि को धूमिल किया गया है! समाया कि ज़रूरत है कि इन तथ्यों को युवा पीढ़ी के सामने पूर्ण सत्यता के साथ रक्खा जाये!' और उन्हों ने घोषणा करते हुए कहा कि, "पंडित नाथूराम गोडसे के जीवन पर एक फिल्म का निर्माण किया जाएगा। इस फिल्म में 30 जनवरी 1948 गांधी वध से लेकर 15 नवंबर 1949 तक उनके कारावास और अदालती कार्यवाही को फोकस किया जाएगा। अभी देश इस गांधी वध से जुड़े बहुत सारी बातों से अनजान है, जो मीडिया ने भी आज तक उसे प्रकाशित नहीं किया वह इस फिल्म में दिखाया जाएगा।"
इस अवसर पर हिन्दू महासभा मेरठ जिला के अध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल ने महासभा के भविष्य में होने वाले आंदोलन कि जानकारी देते हुए कहा कि "संसद भवन के परिसर में स्थित गांधी की प्रतिमा देश के धोके से किये गए बटंवारे का प्रतीक है, हम सरकार से आग्रेह करेंगे कि वहां से गाँधी की प्रतिमा को हटा कर पुनः अखंड हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना को मूर्तरूप देने वाले हुतात्मा पंडित नाथूराम गोडसे जी की प्रतिमा स्थापित करे। ऐसा न किया जाने की स्थिति में संघटन जान आंदोलन की माध्यम से अपनी बात सरकार को मन्नने की लिए बाध्य करेगा!